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Measures to Avoid Allergy

Ways to avoid allergies

You can be allergic to any season, but in monsoon days it is more than just a bit annoying. In this season, you should take special measures to protect yourself from allergies.

The exp Hepatitiser says that caution is more important than curing. There is no doubt that allergic reactions can happen anytime, but all skin specialist clearly say that the causes of any allergy are often genetic. Parents, grandparents or any other member of the family often get children who are very troubled by them. What are the main reasons for allergic reactions and how you can keep your child from allergic reactions may be found in Apollo hospitals ' skin specialist Dr. S. Of. From Bose.

Before birth:-

1. The children of Vitmin are deficient in e-allergy quickly. Especially from the paragakano of dust and flowers in the house. The pregnant woman is a sine in pregnancy, green vegetables and nuts etc.
Ways to avoid allergies You can be allergic to any season, but in monsoon days it is more than just a bit annoying. In this season, you should take special measures to protect yourself from allergies. The exp Hepatitiser says that caution is more important than curing. There is no doubt that allergic reactions can happen anytime, but all skin specialist clearly say that the causes of any allergy are often genetic. Parents, grandparents or any other member of the family often get children who are very troubled by them. What are the main reasons for allergic reactions and how you can keep your child from allergic reactions may be found in Apollo hospitals ' skin specialist Dr. S. Of. From Bose. Before birth:- 1. The children of Vitmin are deficient in e-allergy quickly. Especially from the paragakano of dust and flowers in the house. The pregnant woman is a sine in pregnancy, green vegetables and nuts etc.

Best Home Remedy in Hindi


एलर्जी से बचने के उपाय
एलर्जी से बचने के तरीके यूं तो एलर्जी किसी भी मौसम में हो सकती है, लेकिन मानसून के दिनों में यह कुछ ज्‍यादा ही परेशान करती है। इस मौसम में खुद को एलर्जी से बचाने के लिए आपको कुछ खास उपायों का ध्‍यान रखना चाहिये। एक्सप‌र्टस का यह कहना है कि सावधानी बरतना इलाज से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इसमें संदेह नहीं कि एलर्जी किसी भी चीज से कभी भी हो सकती है पर सभी स्किन स्पेशलिस्ट यह स्पष्ट रूप से कहते हैं कि किसी भी एलर्जी के कारण प्राय:जेनेटिक होते हैं। माता-पिता, दादा-दादी या परिवार के किसी अन्य सदस्य से यह बीमारी प्राय: बच्चों को मिलती ही है जो उनके लिए बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है। क्या होते हैं मुख्य कारण एलर्जी मिलने के और कैसे कुछ सावधानियां रख कर आप अपने बच्चे को एलर्जी से बचा सकती हैं जानिए अपोलो अस्पताल के स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. एस. के. बोस से। जन्म से पहले:- 1. जिन बच्चों की मां में विटमिन ई की कमी होती है उन्हें एलर्जी जल्दी होती है। विशेषकर घर में आने वाली धूल व फूल-पौधों में मिलने वाले परागकणों से। इसलिए गर्भवती स्त्री को वे हरी सब्जियां और मेवे आदि चीजें गर्भावस्था में ज्यादा खानी चाहिए, जो विटमिन के अच्छे स्रोत हों। 2. कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें गर्भावस्था में खाने से बचना चाहिए। कई बार देखने में आता है कि यदि पति या पत्‍‌नी में से किसी एक को मूंगफली से एलर्जी है तो गर्भ में पल रहे शिशु को भी हो सकती है। इसके लिए अच्छा होगा कि आप नौ महीने उस पदार्थ से दूर रहें। 3. स्मोकिंग ऐसी आदत है जो होने वाले बच्चे के लिए बेहद हानिकर होती है। 4. जिन प्रेग्नेंट स्ति्रयों को मम्प्स जैसे वायरल इंफेक्शन होते हैं उनके बच्चे को एलर्जी के कारण एग्जीमा का खतरा ज्यादा रहता है। आपको ऐसी कोई समस्या हो तो उसे नजरअंदाज न करके डॉक्टर को तुरंत दिखाएं। 5. जिस महीने आपका बच्चा जन्म लेने वाला है उस महीने का मौसम भी बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि वसंत के बाद का समय है तो एलर्जी का खतरा कम होता है और यदि वसंत का सी़जन चल रहा है तो वह एलर्जी बढ़ाने में मददगार होता है। चूंकि इस समय बच्चे का इम्यून सिस्टम रोगों का मुकाबला करने के लिए मजबूत नहीं होता इसीलिए इस समय जन्मे बच्चे एलर्जी के शिकार जल्दी हो जाते हैं। जन्म के बाद:- 1. कुछ जानकारों का मानना है कि यदि आप शिशु को पैदा होने के 17 महीने के भीतर सॉलिड फूड देते हैं तो वह बहुत हद तक एग्जीमा जैसी एलर्जी का कारण बनता है। 2. यूरोपियन जर्नल की न्यूट्रीशियन रिपोर्ट के अनुसार जो स्त्रियां अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराने के दौरान विटमिन सी से भरपूर डायट लेती हैं उनके शिशु भविष्य में होने वाली एलर्जी से सुरक्षित रहते हैं। 3. ब्रेस्ट इज बेस्ट, इस कथन को हमेशा ध्यान रखें। खास तौर पर जब आप अपने शिशु को एलर्जी से बचाना चाहती हों। विशेषज्ञों का कहना है कि जो महिलाएं अपने बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं उनके बच्चे बचपन में होने वाले अस्थमा से बचे रहते हैं। कई बार माताएं जो खाती हैं उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप भी बच्चे को एलर्जी होती है जैसे शेलफिश, अंडा और मेवे। यदि ऐसा होता है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उसे विस्तृत जानकारी दें। वह आपको बताएगा कि कौन सा खाना आपके दूध के जरिए बच्चे में पहुंच कर एलर्जी का कारण बन रहा है। बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं इसीलिए उन्हें एलर्जी जल्दी होती है। 4. कुछ एलर्जी इसलिए भी होती हैं कि बच्चों के खाने-पीने का समय आप निश्चित नहीं करते। बच्चे का इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग नहीं हो पाता जिससे एलर्जी होती है। जीवनशैली में लाएं बदलाव:- 1. घर की बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं जिनका ध्यान रख आप अपने बच्चे को एलर्जी से बचा सकती हैं। घर में रहने वाली धूल व मिट्टी एलर्जी का मुख्य कारण होती है। ये कण फर वाले खिलौनों व बिस्तर पर भी मिलते हैं। 2. अपने बच्चे के लिए जितनी भी तरह के प्रसाधन इस्तेमाल कर रही हैं जैसे साबुन, क्रीम व पाउडर उनमें किसी प्रकार के रसायन न हों यह ध्यान रखें। बच्चे की स्किन बहुत सेंसटिव होती है, उसे एलर्जी भी बहुत जल्दी होती है। 3. बच्चे की हाइजीन व सफाई का ध्यान बहुत ज्यादा रखने से भी बच्चे अति संवेदनशील हो एलर्जिक हो जाते हैं। धूल-मिट्टी में पलने वाला बच्चा ज्यादा स्वस्थ रहता है क्योंकि उसे बचपन से मिट्टी के संपर्क में आने वाले बैक्टीरिया से पहचान होती है। उसका इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाता है। एक्सपर्ट की राय:- * चार से छह महीने का शिशु : इस समय बच्चे को पके हुए भोजन से परिचित कराएं, हरी सब्जियों, फल और बेबी राइस से बनी चीजें दें। लेकिन मटर, बीन्स, टमाटर, मसूर दाल, सिट्रस फल और बेरी न दें। * पांच से छह महीने का : ऊपर वाली चीजों के साथ-साथ लैंब, चिकेन, पोर्क, स्ट्रॉबेरी, रसबेरी और सिट्रस फूड भी दे सकती हैं। * आठ महीने का : आप उसके खाने में मछली को शामिल कर सकती हैं पर शेल फिश को न शामिल करें। * एक साल का:धीरे-धीरे अंडे को खाने में शामिल करने की कोशिश करें। * पांच साल का : अधिकांश बच्चे इस समय तक शेल फिश व मूंगफली के लिए तैयार हो जाते हैं। पर बहुत ध्यान रखें कि कहीं बच्चे को इससे एलर्जी न हो।
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