"शनि / Saturn"

"शनि के आदिदेवता प्रजापिता ब्रह्म और प्रत्यधिदेवता यम हैं। यह एक एक राशि में 30-30 महीने रहते हैं। यह मकर व कुंभ राशि के स्वामी है। इनकी महादशा 19 वर्ष की होती है। इनकी शांति के लिए मृत्युंजय जप, नीलम धारण, काली गाय, भैंस, कस्तूरी व सुवर्ण का दान देना चाहिए। शनि संस्कृत का शब्द है। शनये कमति स:। इसका अर्थ है, अत्यंत धीमा। शनि की गति की बहुत धीमी है। शनि की गति भले ही धीमी हो पर शनि देव को बहुत की सौम्य देव माना जाता है। शनि देव सूर्य देव पुत्र होने के कारण बहुत ही शक्तिशाली हैं। जिस कारण मानवों और देवताओं में शनि देव का डर व्याप्त है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। शनि देव पाप और अन्याय करने वालों को अपनी दशा या अंतर दशा में दंडित करते हैं। ताकि प्रकृति का संतुलन बन रहे।"