"केतु ग्रह / KETU"

"कुंडली के 12 भावों में नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु विचरण करते हैं। इन नौ ग्रहों में केतु एक छाया ग्रह है, लेकिन जन्म कुंडली में यह जिस भाव में स्थित होता है, उससे संबंधित क्षेत्र में व्यक्ति पर जीवनभर असर डालता है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि केतु अशुभ प्रभाव ही देता है, लेकिन केतु शुभ फल भी प्रदान करता है। खासकर तब जब केतु की महादशा हो। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु और राहु दोनों की स्थिति के अनुसार ही कालसर्प योग निर्मित होता है।"